बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 गृह विज्ञान बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 गृह विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 गृह विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
(1) मरसीकरण (Mercercizing)
(2) जल भेद्य (Water Proofing)
(3) अज्वलनशील परिसज्जा (Fire Proofing)
(4) एंटी-सेप्टिक परिसज्जा (Anti-septic Finish)
उत्तर -
1. मरसीकरण
(Mercerizing)
सूती वस्त्रों की परिसज्जा की यह एक महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया है। इसे लिनन पर भी प्रयोग किया जा सकता है। इसका प्रयोग खुरदरी सतह वाले वस्त्रों पर चिकनाहट और चमक उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।
हौलेन एवं सैडलर ने लिखा है-"The effects of mercerization are :
(1) increased strength to the fibres
(2) Increased absorbancy
(3) Increased lustre. "
यह एक अविरल प्रक्रिया है जिसमें विशेष रूप से तैयार कास्टिक सोडे के घोल में वस्त्र को दस मिनट के लिए डुबोया जाता है। साथ ही, उस पर एक समान मात्रा में ताप, तनाव एवं दबाव दिया जाता है। बाद में कास्टिक सोडे को धोकर निकाल दिया जाता है और उसके निष्फलन (Neutralization) के लिए वस्त्र को अम्ल के तनु घोल में डाल दिया जाता है। तत्पश्चात् स्वच्छ पानी में धोकर डाला जाता है।
इस प्रक्रिया के प्रभाव से रेशे फूल जाते हैं तथा दबाव पड़ने से चपटे होकर बुनावट के छिद्रों को बंद कर देते हैं। कास्टिक सोडे, निश्चित मात्रा के ताप एवं तनाव के मिले-जुले प्रभाव से रेशों के रासायनिक संगठन में भी परिवर्तन आ जाता है। प्रत्येक रेशा फूलकर लम्बाई में सिकुड़ जाता है तथा मोटाई में फैल जाता है। इस प्रकार, इसकी बीस प्रतिशत शक्ति बढ़ जाती है, साथ ही वस्त्र की रचना भी सघन हो जाती है। वस्त्र की सघन एवं समतल जमीन चिकनी और चमकदार हो जाती है। सूती वस्त्र पर इस प्रक्रिया का प्रभाव उत्तम पड़ता है। वस्त्र मजबूत और टिकाऊ बन जाते हैं। इनमें सिल्क के समान चमक आ जाती है। चिकनी सतह के कारण वे जल्दी गंदे नहीं होते। इस प्रक्रिया से वस्त्र की अवशोषकता भी बढ़ जाती है और उनमें रंगों के प्रति सादृश्य उत्पन्न हो जाता है। इन पर सरलता से रंगाई और छपाई होती है तथा रंग पक्के चढ़ते हैं।
2. जलभेद्य (
Water Proofing)
कुछ वस्त्रों को जलभेद्य बनाया जाता है। इन वस्त्रों के प्रयोग का उद्देश्य पानी के प्रवेश को रोकना है। तिरपाल, बरसाती आदि में इन गुणों का होना अनिवार्य है। इस काम को करने के लिए वस्त्रों पर जलभेद्य परिसज्जा दी जाती है।
जलभेद्य परिसज्जा में वस्त्र की सतह पर रबर अथवा प्लास्टिक की रासायनिक राल (Plasticized-Synthetic Resin) की तह जमा दी जाती है। इस प्रक्रिया से बुनाई के कारण बने छिद्र बंद हो जाते हैं और रेशे ढक जाते हैं। अतः पानी ऊपर से ही फिसल कर बह जाता है और भीतर प्रवेश नहीं करने पाता है। परन्तु वस्त्र का झिरझिरापन (porosity) समाप्त हो जाता है जिसके कारण ये स्वास्थ्य और आराम की दृष्टि से अच्छे नहीं होते हैं। रबर के प्रयोग से यदि यह परिसज्जा दी जाती है तो कुछ समय बाद, रबर के चटक जाने से पानी अंदर जाने लगता है। आजकल जल-निवारक (Water Repellent) कपड़े बनाने के लिए उन पर मोम का घोल (Wax-emulsion) और मेटेलिक सोप (Metallic Soap) लगाया जाता है। यह परिसज्जा अस्थायी है परन्तु इसे दोबारा लगाया जा सकता है।
3. अज्वलनशील परिसज्जा
(Fire Proofing)
अग्नि बुझाने वाले व्यक्तियों की पोशाकें तथा इसी प्रकार के अन्य प्रयोजनों के लिए ऐसे वस्त्र बनाये जाते हैं जो अग्नि से अप्रभावित रहते हैं। अज्वलनशील तथा अग्निशिखा को टालने वाले वस्त्र (Flame Retardent) बनाने के लिए साधारण वस्त्र के ही दोनों ओर ऐसे मसाले लगाये जाते हैं जो अग्नि नहीं पकड़ते हैं। वस्त्र की दोनों सतहों पर अमोनियम सल्फेट का इतना मोटा स्तर बैठाया जाता है जिसमें भीतर के धागे पूर्णतः छिप जाते हैं और ऊपर मसाला जो अज्वलनशील होता है, आगे से धागों की रक्षा करता है। इस मसाले से वस्त्र की कोमलता एवं लचीलापन भी नष्ट नहीं होता है और इन्हें पहनकर कार्य करने में कोई असुविधा नहीं होती है। इस परिसज्जा की रक्षा के लिए इन्हें सूखी धुलाई (Dry-cleaning) से ही स्वच्छ करना अच्छा रहता है।
(Anti-septic Finish)
कुछ विशेष प्रयोजन को ध्यान में रखकर एंटीसेप्टिक गुण से परिपूर्ण वस्त्र बनाये जाते हैं। इनका प्रयोग डॉक्टरों के कामों में आने वाले कपड़े तथा पट्टी आदि के लिए किया जाता है। वस्त्र पर एंटीसेप्टिक का घोल लगाया जाता है जो स्थायी होता है और इन वस्त्रों को धुलाने से भी इनका यह गुण नष्ट नहीं होता है। ये वस्त्र स्वतः निसंक्रमण (Self-ster11lizing) के गुण वाले होते हैं। परन्तु, इनमें रसायनों की महक सदैव बनी रहती है।
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- प्रश्न- विभिन्न प्रकार की बुनाइयों को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 1. स्वीवेल बुनाई, 2. लीनो बुनाई।
- प्रश्न- वस्त्रों पर परिसज्जा एवं परिष्कृति से आप क्या समझती हैं? वस्त्रों पर परिसज्जा देना क्यों अनिवार्य है?
- प्रश्न- वस्त्रों पर परिष्कृति एवं परिसज्जा देने के ध्येय क्या हैं?
- प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। (1) मरसीकरण (Mercercizing) (2) जल भेद्य (Water Proofing) (3) अज्वलनशील परिसज्जा (Fire Proofing) (4) एंटी-सेप्टिक परिसज्जा (Anti-septic Finish)
- प्रश्न- परिसज्जा-विधियों की जानकारी से क्या लाभ है?
- प्रश्न- विरंजन या ब्लीचिंग को विस्तापूर्वक समझाइये।
- प्रश्न- वस्त्रों की परिसज्जा (Finishing of Fabrics) का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- कैलेण्डरिंग एवं टेण्टरिंग परिसज्जा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- सिंजिइंग पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- साइजिंग को समझाइये।
- प्रश्न- नेपिंग या रोयें उठाना पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए - i सेनफोराइजिंग व नक्काशी करना।
- प्रश्न- रसॉयल रिलीज फिनिश का सामान्य परिचय दीजिए।
- प्रश्न- परिसज्जा के आधार पर कपड़े कितने प्रकार के होते हैं?
- प्रश्न- कार्य के आधार पर परिसज्जा का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- स्थायित्व के आधार पर परिसज्जा का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- वस्त्रों की परिसज्जा (Finishing of Fabric) किसे कहते हैं? परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- स्काउअरिंग (Scouring) या स्वच्छ करना क्या होता है? संक्षिप्त में समझाइए |
- प्रश्न- कार्यात्मक परिसज्जा (Functional Finishes) किससे कहते हैं? संक्षिप्त में समझाइए।
- प्रश्न- रंगाई से आप क्या समझतीं हैं? रंगों के प्राकृतिक वर्गीकरण को संक्षेप में समझाइए एवं विभिन्न तन्तुओं हेतु उनकी उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वस्त्रोद्योग में रंगाई का क्या महत्व है? रंगों की प्राप्ति के विभिन्न स्रोतों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रंगने की विभिन्न प्रावस्थाओं का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कपड़ों की घरेलू रंगाई की विधि की व्याख्या करें।
- प्रश्न- वस्त्रों की परिसज्जा रंगों द्वारा कैसे की जाती है? बांधकर रंगाई विधि का विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बाटिक रंगने की कौन-सी विधि है। इसे विस्तारपूर्वक लिखिए।
- प्रश्न- वस्त्र रंगाई की विभिन्न अवस्थाएँ कौन-कौन सी हैं? विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- वस्त्रों की रंगाई के समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- प्रश्न- डाइरेक्ट रंग क्या हैं?
- प्रश्न- एजोइक रंग से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- रंगाई के सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं? संक्षिप्त में इसका वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राकृतिक डाई (Natural Dye) के लाभ तथा हानियाँ क्या-क्या होती हैं?
- प्रश्न- प्राकृतिक रंग (Natural Dyes) किसे कहते हैं?
- प्रश्न- प्राकृतिक डाई (Natural Dyes) के क्या-क्या उपयोग होते हैं?
- प्रश्न- छपाई की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- इंकजेट (Inkjet) और डिजिटल (Digital) प्रिंटिंग क्या होती है? विस्तार से समझाइए?
- प्रश्न- डिजिटल प्रिंटिंग (Digital Printing) के क्या-क्या लाभ होते हैं?
- प्रश्न- रंगाई के बाद (After treatment of dye) वस्त्रों के रंग की जाँच किस प्रकार से की जाती है?
- प्रश्न- स्क्रीन प्रिटिंग के लाभ व हानियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्टेन्सिल छपाई का क्या आशय है। स्टेन्सिल छपाई के लाभ व हानियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पॉलीक्रोमैटिक रंगाई प्रक्रिया के बारे में संक्षेप में बताइए।
- प्रश्न- ट्रांसफर प्रिंटिंग किसे कहते हैं? संक्षिप्त में समझाइए।
- प्रश्न- पॉलीक्रोमैटिक छपाई (Polychromatic Printing) क्या होती है? संक्षिप्त में समझाइए।
- प्रश्न- भारत की परम्परागत कढ़ाई कला के इतिहास पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिंध, कच्छ, काठियावाड़ और उत्तर प्रदेश की चिकन कढ़ाई पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कर्नाटक की 'कसूती' कढ़ाई पर विस्तार से प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पंजाब की फुलकारी कशीदाकारी एवं बाग पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- टिप्पणी लिखिए : (i) बंगाल की कांथा कढ़ाई (ii) कश्मीर की कशीदाकारी।
- प्रश्न- कच्छ, काठियावाड़ की कढ़ाई की क्या-क्या विशेषताएँ हैं? समझाइए।
- प्रश्न- कसूती कढ़ाई का विस्तृत रूप से उल्लेख करिए।
- प्रश्न- सांगानेरी (Sanganeri) छपाई का विस्तृत रूप से विवरण दीजिए।
- प्रश्न- कलमकारी' छपाई का विस्तृत रूप से वर्णन करिए।
- प्रश्न- मधुबनी चित्रकारी के प्रकार, इतिहास तथा इसकी विशेषताओं के बारे में बताईए।
- प्रश्न- उत्तर प्रदेश की चिकन कढ़ाई का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जरदोजी कढ़ाई का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- इकत शब्द का अर्थ, प्रकार तथा उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- पोचमपल्ली पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बगरू (Bagru) छपाई का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- कश्मीरी कालीन का संक्षिप्त रूप से परिचय दीजिए।
- प्रश्न- भारत के परम्परागत वस्त्रों पर संक्षिप्त में एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारत के परम्परागत वस्त्रों का उनकी कला तथा स्थानों के संदर्भ में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चन्देरी साड़ी का इतिहास व इसको बनाने की तकनीक बताइए।
- प्रश्न- हैदराबाद, बनारस और गुजरात के ब्रोकेड वस्त्रों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- बाँधनी (टाई एण्ड डाई) का इतिहास, महत्व बताइए।
- प्रश्न- टाई एण्ड डाई को विस्तार से समझाइए |
- प्रश्न- कढ़ाई कला के लिए प्रसिद्ध नगरों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पटोला वस्त्रों का निर्माण भारत के किन प्रदेशों में किया जाता है? पटोला वस्त्र निर्माण की तकनीक समझाइए।
- प्रश्न- औरंगाबाद के ब्रोकेड वस्त्रों पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- गुजरात के प्रसिद्ध 'पटोला' वस्त्र पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- पुरुषों के वस्त्र खरीदते समय आप किन बातों का ध्यान रखेंगी? विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- वस्त्रों के चुनाव को प्रभावित करने वाले तत्वों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- फैशन के आधार पर वस्त्रों के चुनाव को समझाइये।
- प्रश्न- परदे, ड्रेपरी एवं अपहोल्स्ट्री के वस्त्र चयन को बताइए।
- प्रश्न- वस्त्र निर्माण में काम आने वाले रेशों का चयन करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- प्रश्न- रेडीमेड (Readymade) कपड़ों के चुनाव में किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- प्रश्न- अपहोल्सटरी के वस्त्रों का चुनाव करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- प्रश्न- गृहोपयोगी लिनन (Household linen) का चुनाव करते समय किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता पड़ती है?
- प्रश्न- व्यवसाय के आधार पर वस्त्रों के चयन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सूती वस्त्र गर्मी के मौसम के लिए सबसे उपयुक्त क्यों होते हैं? व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- अवसर के अनुकूल वस्त्रों का चयन किस प्रकार करते हैं?
- प्रश्न- मौसम के अनुसार वस्त्रों का चुनाव किस प्रकार करते हैं?
- प्रश्न- वस्त्रों का प्रयोजन ही वस्त्र चुनाव का आधार है। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बच्चों हेतु वस्त्रों का चुनाव किस प्रकार करेंगी?
- प्रश्न- गृह उपयोगी वस्त्रों के चुनाव में ध्यान रखने योग्य बातें बताइए।
- प्रश्न- फैशन एवं बजट किस प्रकार वस्त्रों के चयन को प्रभावित करते हैं? समझाइये |
- प्रश्न- लिनन को पहचानने के लिए किन्ही दो परीक्षणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ड्रेपरी के कपड़े का चुनाव कैसे करेंगे? इसका चुनाव करते समय किन-किन बातों पर विशेष ध्यान दिया जाता है?
- प्रश्न- वस्त्रों की सुरक्षा एवं उनके रख-रखाव के बारे में विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वस्त्रों की धुलाई के सामान्य सिद्धान्त लिखिए। विभिन्न वस्त्रों को धोने की विधियाँ भी लिखिए।
- प्रश्न- दाग धब्बे कितने वर्ग के होते हैं? इन्हें छुड़ाने के सामान्य निर्देशों को बताइये।
- प्रश्न- निम्नलिखित दागों को आप किस प्रकार छुड़ायेंगी - पान, जंग, चाय के दाग, हल्दी का दाग, स्याही का दाग, चीनी के धब्बे, कीचड़ के दाग आदि।
- प्रश्न- ड्राई धुलाई से आप क्या समझते हैं? गीली तथा शुष्क धुलाई में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- वस्त्रों को किस प्रकार से संचयित किया जाता है, विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- वस्त्रों को घर पर धोने से क्या लाभ हैं?
- प्रश्न- धुलाई की कितनी विधियाँ होती है?
- प्रश्न- चिकनाई दूर करने वाले पदार्थों की क्रिया विधि बताइये।
- प्रश्न- शुष्क धुलाई के लाभ व हानियाँ लिखिए।
- प्रश्न- शुष्क धुलाई में प्रयुक्त सामग्री व इसकी प्रयोग विधि को संक्षेप में समझाइये?
- प्रश्न- धुलाई में प्रयुक्त होने वाले सहायक रिएजेन्ट के नाम लिखिये।
- प्रश्न- वस्त्रों को स्वच्छता से संचित करने का क्या महत्व है?
- प्रश्न- वस्त्रों को स्वच्छता से संचयित करने की विधि बताए।